शॉर्टिंग क्या होती है?
Description
शॉर्टिंग कीमती परिसंपत्तियों (शेयर, करेंसी जोड़े, क्रिप्टोकरेंसी) आदि की ऐसी ट्रेडिंग है जिसका उद्देश्य परिसंपत्ति के गिरते रेट से मुनाफ़ा कमाना होता है।
क्या आपने मशहूर हॉलीवुड फिल्म द बिग शॉर्ट देखी है? यह 2007-2008 में अमेरिका में मॉर्टगेज वित्तीय संकट के ठीक पहले की असली घटनाओं पर आधारित एक तस्वीर है। इसकी स्टोरी अमेरिकी मॉर्टगेज बाजार में गिरावट की भविष्यवाणी और इसी की सक्षम भविष्यवाणी के इर्द-गिर्द घूमती है। नतीजतन, निवेशक गिरते रेट पर भी मुनाफा कमा लेते हैं, यानी शॉर्ट्स में ट्रेड करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में शॉर्टिंग क्या होती है?
शॉर्टिंग कीमती परिसंपत्तियों (शेयर, करेंसी जोड़े, क्रिप्टोकरेंसी) आदि की ऐसी ट्रेडिंग है जिसका उद्देश्य परिसंपत्ति के गिरते रेट से मुनाफ़ा कमाना होता है।
मतलब जो ट्रेडर शॉर्ट्स में ट्रेड करते हैं, वे रेट बढ़ने से फायदा नहीं कमाते। इसके विपरीत, उनकी कमाई संपत्ति के रेट में कमी का पता लगाने की संभावना पर आधारित होती है।
शॉर्ट ट्रेडिंग का उपयोग कैसे करें?
मान लीजिए आप बिटकॉइन के गिरते रेट पर पैसा कमाना चाहते हैं। मान लीजिए कि जेरोम पॉवेल के भाषण और फेडरल रिजर्व की बैठक के ठीक एक दिन पहले मूलभूत संपत्तियों के रेट: S&P500, USD और बिटकॉइन में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव देखने मिल रहा है। आपको लगता है कि ऐसी ख़बरें बाज़ार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं, और आप शॉर्ट ट्रेड करने का फैसला करते हैं। अब प्रश्न है आप इस पर पैसे कैसे कमाते हैं?
मान लीजिए कि बिटकॉइन एक्स्चेंज रेट इस समय $25,000 है। तकनीकी विश्लेषण के आधार पर, बीटीसी गिरकर 23,000 डॉलर हो जाएगी। आप अपना बिटकॉइन $25,000 पर बेच देते हैं और वापस खरीदते समय $23,000 पर वापस खरीदते हैं, जिससे $2,000 कमा लेते हैं।
यह सबसे सरल शॉर्ट ट्रेडिंग रणनीति है। लेकिन ट्रेडर अक्सर लीवरेज का उपयोग करके ज़्यादा जटिल प्लान का सहारा लेते हैं। लीवरेज शब्द का अर्थ है ट्रेडर का अपने पैसों से और ज़्यादा ट्रेड कर सकना। लीवरेज ट्रेडर की आय बढ़ाता है: x5, x10, और यहां तक कि x500 गुना (जैसे हमारे एक्सचेंज EXEX पर)।
शॉर्ट ट्रेडिंग में लीवरेज इस्तेमाल करना चाहिए। इस रणनीति से ट्रेडर बड़ी मात्रा में संपत्ति (हमारे उदाहरण में, बिटकॉइन) खरीदने के लिए अपने शुरुआती फंड को बढ़ा सकता है। ट्रेडर अधिक संपत्ति खरीदने और उसे मौजूदा कीमत पर खुले बाजार में बेचने के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज) से पैसा उधार लेता है। फिर ट्रेडर ब्रोकर से उधार लिए उतने ही पैसों ली गई उतनी ही राशि वापस खरीदने के लिए रेट गिरने का इंतजार करता है। ट्रेडर एक्स्चेंज कमीशन काटने के बाद रेट बदलने से मिले मुनाफ़े को ट्रेडर अपने पास रख लेता है जो उसकी शॉर्ट ट्रेडिंग की कमाई होती है।
शॉर्ट ट्रेडिंग के जोखिम क्या हैं?
हर प्रकार की ट्रेडिंग की तरह शॉर्ट ट्रेडिंग के भी अपने जोखिम होते हैं। इनमें सबसे बड़ा है रेट में कमी का गलत अनुमान। ऐसे में रेट कम हो जाने की जगह बढ़ जाता है। ट्रेडर को उधार लिए पैसों की भरपाई अपने खुद के पैसों से करनी पड़ती है। यह कैसे होता है?
मान लीजिए कि परिसंपत्ति की कीमत में उतार-चढ़ाव ट्रेडर के अंदाज़ के अनुसार नहीं हुआ और रेट उल्टी तरफ़ चला गया। ऐसे में उस पर एक मार्जिन कॉल होती है - मार्जिन कॉल ट्रेडर की पोजीशन को ऑटोमैटिक काट देने को कहते हैं जो शॉर्ट किए शेयर या करेंसी और उधार लिए गए पैसों पर निर्भर करती है। इसमें, एक्सचेंज अपने-आप पैसे देने वाले को मार्जिन (कमीशन की राशि) के साथ उधर लिए पैसे लौटा देता है और घाटा ट्रेडर के अपने पैसों से पूरा होता है।
एक सक्रिय बाज़ार में सभी ट्रेडरों की पोजीशन कटना रेट में बड़े उतार-चढ़ाव और तेजी से बदलने के संकेतकों में से एक होता है। उदाहरण के लिए, इस लेख को लिखते समय, पिछले 24 घंटों में 20,930 ट्रेडरों की पोजीशन काटी गई और इसकी कुल राशि $56.08 मिलियन थी। सबसे बड़ा पोजीशन खत्म करने का ऑर्डर Bybit का हुआ - BTCUSDT का रेट $2.02 मिलियन था।
पोजीशन कटने की कुल ट्रेड में सबसे आगे बिटकॉइन था - $20.17 मिलियन, Ethereum - $9.81 मिलियन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी - $3.2 मिलियन थे।
ट्रेडर उस पल का इंतजार नहीं कर सकता जब उसका शॉर्ट ट्रेडिंग ऑटोमैटिक घाटे में कट जाएगा। घाटे को कम से कम रखने के लिए गलत तरफ़ जा रही ट्रेडिंग पोजीशन को मैन्युअल रूप से बंद करना संभव होता है। इसके लिए ट्रेडर स्टॉप लॉस लिमिट ट्रेडों का उपयोग कर सकते हैं (ओपन ट्रेडिंग पर हानि और लाभ के पहले से तय मापदंडों के साथ)।
बेयर क्या होते हैं?
जो ट्रेडर शॉर्ट पोजीशन पर ट्रेडिंग करते हैं उन्हें बेयर कहा जाता है। वित्तीय बाज़ार में काम करने वालों के लिए यह एक आम शब्द है। इन्हें बेयर या भालू इसलिए कहते हैं क्योंकि जब कोई भालू दुश्मन के सामने पड़ता है तो उसका एक खास व्यवहार होता है, वे ऊपर से नीचे की ओर हमला करते हैं जैसे कि दुश्मन को नीचे दबा रहे हों।
इसके विपरीत होते हैं बुल। यह ग्रोथ ट्रेडिंग का नाम है, मतलब लॉन्ग पोजीशन में ट्रेडिंग। एक बुल या बैल अपने दुश्मन पर नीचे से ऊपर की ओर सिर धकेल कर हमला करता है। ऊपर जा रहे चार्ट के समान: सबसे कम रेट से सबसे ऊपर तक।
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर शॉर्ट कैसे करें?
एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इसे इस्तेमाल करने वालों के लिए एक यूनिवर्सल ट्रेडिंग सेवा प्रदाता के रूप में काम करता है। इसकी सर्विस, इन्फॉर्मेशन को प्रोसेस करने की स्पीड, पहुंच और चौबीसों घंटे बाजार चलते रहना ट्रेडिंग के लिए आदर्श होते हैं।
क्रिप्टो कॉइन के रेट में ज़्यादा उतार-चढ़ाव भी काम की चीज होती है। क्रिप्टोकरेंसी का रेट बहुत तेजी से बदलता है, जो शॉर्ट ट्रेडिंग और लॉन्ग ट्रेडिंग दोनों के लिए फायदेमंद है।
क्रिप्टोकरेंसी को शॉर्ट करना शुरू करने के लिए किसी फायदे के अनुमान वाली संपत्ति से ट्रेडिंग खोलें। परिसंपत्ति रेट में नकारात्मक रुझानों की पहचान करने के लिए उचित टेक्निकल और फंडामेंटल विश्लेषण रणनीतियों का उपयोग करें।
उधार लिए पैसों से या अपने खुद के निवेश से एक ट्रेडिंग खोलें। टिप: शॉर्ट ट्रेडिंग का मतलब समझने और बाजार का विश्लेषण करने का अनुभव हासिल करने के लिए कम से कम राशि से शुरुआत करें। इसके बाद आपके टेस्टिंग का टाइम ख़त्म होने के बाद पूरी ट्रेडिंग शुरू करें।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी शॉर्ट ट्रेडिंग के फायदे
शॉर्ट ट्रेडिंग भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के लिए प्रमुख ट्रेडिंग रणनीतियों में से एक है। छोटे ट्रेडों का उपयोग क्रिप्टो निवेशकों के लिए कई फायदे लेकर आता है। आइए एक हिंदू के लिए शॉर्ट ट्रेडिंग के मुख्य लाभों पर एक नज़र डालें:
- शॉर्ट ट्रेडिंग से फायदा होता है। यह ट्रेडिंग के सही नजरिए और अच्छे वित्तीय विश्लेषण के जरिए आपके क्रिप्टो निवेश को बढ़ाने का एक तरीका है।
- यह ट्रेडर के लिए मनोवैज्ञानिक सहारा है। कई लोगों के लिए ट्रेडिंग एक बहुत ज़्यादा तनावपूर्ण काम होता है और उन्हें इसमें बहुत झंझट लगती है। इसके अलावा, निवेशक अक्सर उस स्थिति से डरते हैं जब किसी परिसंपत्ति का रेट घट जाता है। भारत में (साथ ही अन्य देशों में) शॉर्ट ट्रेडिंग आपको बाजार में चक्रीय उतार-चढ़ाव से फायदा लेने में मदद करती है।
- शॉर्ट ट्रेडिंग से आप बाजार में गिरावट पर पैसा बना पाते हैं। मतलब, बढ़त या गिरावट चक्र पर कोई निर्भरता नहीं होती है। किसी भी स्थिति में भारत के एक निवेशक के पास लाभ कमाने का अवसर होता है।
निष्कर्ष
शॉर्ट ट्रेडिंग क्रिप्टोकरेंसी बाजार में पैसा कमाने का एक तरीका है। इस परिसंपत्ति प्रकार में उतार-चढ़ाव कई ट्रेडिंग अवसरों को लाती है। निवेशक मुनाफा कमाने के लिए शॉर्टिंग का इस्तेमाल करते हैं और यह उनके लिए अच्छा है।