स्कैल्पिंग क्या है?
Description
स्कैल्पिंग एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जो कम समय (उदाहरण के लिए एक दिन) में कई शॉर्ट-टर्म ट्रैंज़ैक्शन करने पर आधारित होती है और हर ट्रैंज़ैक्शन का उद्देश्य छोटा-छोटा प्रॉफ़िट कमाना होता है।
स्केलिंग से फायदा कैसे होता है
स्केलिंग में एक ट्रेडर जल्दी-जल्दी कई ट्रेड करता है और माल की कीमत में बहुत अस्थिरता (कीमत में तेजी से उतार-चढ़ाव) से मुनाफा कमाता है। क्रिप्टो बाजार में ज़्यादा अस्थिरता ही एक स्केलपर के लिए सोने की खदान जैसी होती है। नॉर्मल मार्केट में कीमतें बहुत धीरे-धीरे बदलती हैं पर क्रिप्टोकरेंसी मार्केट हमेशा तूफानी होता है। लेकिन आपको डरने की जरूरत नहीं है, यह तूफान समझा जा सकता है और इस पर सवारी की जा सकती है।
हर ट्रेड में छोटे-छोटे प्रॉफ़िट पर ध्यान केंद्रित करके एक स्केलपर पूरे ट्रेडिंग दिन में धीरे-धीरे अपना प्रॉफ़िट बढ़ाता जाता है और आखिर में उसके पास ठीक-ठाक पैसा बन जाता है। जल्दी से प्रॉफ़िट कमाना हो तो क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग करने के लिए स्केलिंग सबसे आकर्षक रणनीति दिखती है। आप भी इससे सहमत हों जाएंगे; जब पता हो कि करेंसी में बहुत अस्थिरता है तो आप कभी भी खरीद और बेच सकते हैं और फिर भी गारंटी से प्रॉफ़िट की उम्मीद कर सकते हैं। ऐसे में किसी शांत दिन के दौरान भी और, मान लीजिए, किसी शांत साइड-वे ट्रेंड के दौरान भी दिन के दौरान बहुत सारे लॉन्ग और शॉर्ट ट्रेड किए जा सकते हैं। मुख्य बात है कि सही मौके को भांपना, तकनीकी विश्लेषण के तरीकों को लागू करना और इंडिकेटर के सिग्नलों के हिसाब से चलना (उदाहरण के लिए, आरएसआई)।
संक्षेप में कहें तो - क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में स्कैल्पिंग से बहुत फायदा होता है क्योंकि इससे एक ही दिन में भी नॉर्मल मार्केट की तुलना में बड़ा प्रॉफ़िट कमाने की कई संभावनाएं होती हैं।
स्कैल्पिंग के मूल सिद्धांत
जैसा कि ऊपर बताया गया है, स्कैल्पिंग का मुख्य सिद्धांत है कम समय में ही कई छोटे-छोटे ट्रैंज़ैक्शन कर लेना। लेकिन इसकी कुछ बारीकियाँ भी होती हैं:
- ज़्यादा लालच न करें। ट्रेंड को ठीक से समझें और सही समय पर प्रॉफ़िट बुकिंग कर लें। उदाहरण के लिए, यदि आप देखते हैं कि रेट अभी थोड़े टाइम में बहुत ज़्यादा ऊपर नहीं जाने वाला है पर आपको लगता है कि रेट बढ़ेगा जरूर (थोड़ा) तो एक छोटे, पर गारंटी से मिल रहे प्रॉफ़िट को लेकर संतोष कर लेना चाहिए।
- हमेशा जोखिमों का भी ध्यान रखें। क्रिप्टो बाजार बहुत अस्थिर होता है और वैसे तो इसमें नॉर्मल मार्केट की तुलना में बेसिक वेल्यूशन तरीके इस्तेमाल होते हैं पर यह कभी कभी बहुत अप्रत्याशित हो जाता है। इसलिए हमेशा स्टॉप-लॉस के साथ अपनी पूंजी को हेज करें। आपको ध्यान रखना चाहिए कि स्टॉप-लॉस EXEX प्लेटफॉर्म पर ऑटोमैटिक रूप से सेट हो जाते हैं (EXEX जोखिम प्रबंधन पर अधिक विवरण के लिए इस विषय पर हमारा लेख देखें)।
हमेशा मार्केट पर पैनी नज़र रखें। स्कैल्पिंग से पैसा बनाने में बहुत टाइम देना पड़ता है। आपको लगातार चार्ट, रेट में उतार-चढ़ाव और किसी पोजीशन में जाने/उसे ओपन करने के सटीक टाइम को कैल्कुलेट करने के लिए निगरानी रखनी होगी। कई ट्रेडर मज़ाक में कहते हैं, 'स्कैलपर्स के पास एक दिन की भी छुट्टी नहीं होती है'।
क्रिप्टो ट्रेडिंग के इस पागलपन में भी नए आए और अनुभवी लोगों, दोनों के लिए एक बढ़िया चीज है - EXEX में एक ऑटोमैटिक जोखिम प्रबंधन सिस्टम, एक RSI इंडिकेटर पर आधारित विजेट-असिस्टेंट, ट्रेडिंग के लिए टॉप की क्रिप्टोकरेंसियों की एक पूरी रेंज है और यहाँ बहुत लेवेरेज भी मिलता है। लेवरेज और ऊपर बताए प्लैटफ़ार्म टूल साथ में इस्तेमाल करके आपको न सिर्फ ट्रेडिंग आसानी से और तेजी से समझ आ जाएगी, आप अपनी पूंजी भी बढ़ा सकेंगे।
स्कैल्पिंग के प्रकार
अपना अनुमान लगाने के लिए ट्रेडर अच्छी छटी इंद्री होने के अलावा नीचे बताए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं:
मौलिक विश्लेषण (फंडामेंटल एनालिसिस):
मौलिक विश्लेषण का अर्थ है बैकग्राउंड न्यूज़ पढ़ना और समझना। फिल्मों और टीवी प्रोग्राम्स में आपने शायद देखा होगा कि एक ट्रेडर की टेबल पर पर कई मॉनिटर होते हैं और उनमें से एक हमेशा समाचार चैनल दिखा रहा होता है। यहां भी कुछ ऐसा ही है - ऐसे कई ट्रेडर हैं जो सिर्फ न्यूज़ के आधार पर ही किसी सौदे का फैसला करते हैं।
इस तरह की ट्रेडिंग का एक उदाहरण है ऐसी स्थिति जब कोई ट्रेडर फेमस क्रिप्टो उत्साहियों, कंपनियों या एक्सचेंजों के मुख्य ट्विटर अकाउंट्स पर नज़र रखता है। इसलिए (हाल के एक मामले में) जब यह खबर आई थी कि Tesla कंपनी ने DOGE कॉइन में पेमेंट लेनी शुरू कर दी है तो ट्रेडर समझ गया कि इससे: a) इस क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता बढ़ेगी, b) इसका रोज का ट्रैंज़ैक्शन वॉल्यूम बढ़ जाएगा और c) खरीदने वालों की इसमें दिलचस्पी बढ़ने के कारण इसके रेट में बढ़त होगी। इसके बाद ट्रेडर को समझ आ जाता है कि Altcoin में बढ़ी हुई दिलचस्पी से इसका रेट बढ़ने की संभावना है। ट्रेडर इस क्रिप्टो की एक निश्चित राशि खरीद लेता है और उस दिन के कारोबार के चरम पर हाई रेट पर बेच देता है।
तकनीकी विश्लेषण: (टैक्निकल एनालिसिस)
तकनीकी विश्लेषण का मतलब है क्रिप्टो करेंसी रेट चार्ट का गहराई से अध्ययन। हम तकनीक, पैटर्न समझने या सपोर्ट और रेसिस्टेंस स्तरों के बारे में बताने की ओर नहीं जाएंगे (देखें 'शुरुआती क्रिप्टो ट्रेडर के लिए शीर्ष 10 शर्तें')। सबसे बड़ी बात यह है कि जो ट्रेडर केवल अपनी आगे तक देख लेने की क्षमता और तकनीकी विश्लेषण पर भरोसा करते हैं, वे हमेशा रेट के उतार-चढ़ाव के पैटर्न को समझने पर अपना ध्यान देते हैं और अपने विश्लेषण के आधार पर कोई ट्रेडिंग पोजीशन ओपन करने का फैसला लेते हैं।
ऑर्डर बुक ट्रेडिंग:
एक्सचेंज इंटरफेस में अक्सर ऑर्डर बुक होती है। इसमें, लिस्ट में क्रिप्टो खरीदने के ऑर्डर हरे रंग में दिखते हैं और बेचने वाले ऑर्डर लाल रंग के होते हैं। ऑर्डर बुक में ऑर्डर वॉल्यूम को गहराई से समझ कर ट्रेडर यह देख सकता है कि इस समय और शॉर्ट-टर्म में में कौन से ऑर्डर ज़्यादा हैं। जब यह दिखता है कि किसी करेंसी को बेचने के ऑर्डर ज़्यादा लगे हैं तो ट्रेडर समझ जाता है कि करेंसी को बड़े पैमाने पर बेचा जाना है, जिसका मतलब है इसका रेट गिरेगा और इसलिए वह बेचने की पोजीशन ओपन कर देता है।
केवल इंडिकेटर सिंग्नलों पर ट्रेडिंग:
इसमें ट्रेडर स्टॉक इंडिकेटर्स, ऑसिलेटर्स और दूसरी स्मार्ट एल्गोरिदम की एक पूरी रेंज का उपयोग करते हैं। सबसे लोकप्रिय आरएसआई इंडिकेटर हैं, MACD इंडिकेटर और कुछ प्रकार के 'मूविंग एवरेज'।
निष्कर्ष
इस पूरी कार्यप्रणाली को सरल बनाने के लिए EXEX प्लेटफॉर्म ने स्कैल्पिंग टूल के साथ एक बिल्कुल नए तरीके का इंटरफ़ेस विकसित किया है जो बहुत सादा और सरल है। इसमें तकनीकी विश्लेषण के लिए एक कैनोनिकल चार्ट, एक आरएसआई इंडिकेटर आधारित विजेट-असिस्टेंट और ऑटोमैटिक प्रॉफ़िट बुकिंग और स्टॉप-लॉस का नायाब सिस्टम है।
सही फैसला लेने और सही ट्रेडिंग रणनीति चुनने के लिए अपने कारण मजबूत करने के लिए आप 'ट्रेडरों के लिए स्कूल' सेक्शन में हमारी ट्रेनिंग सामग्री के बारे में अधिक जान सकते हैं। याद रखें, EXEX किसी तरह की ट्रेडिंग सलाह नहीं देता है, आपको अपना रास्ता और रणनीति खुद चुनना होगी। छोटे स्तर पर शुरुआत करें और आप टॉप पर पहुंच जाएंगे!